अमित मिश्रा
हेलो स्कूल आफ एक्सीलेंश के बच्चो ने लघु नाटक कर दीये जलाओ पटाखे नही का दिया संदेश
रंगारंग कार्यक्रम के साथ किया दीपावली सेलिब्रेट
सोनभद्र(उप्र)। दीपावली पर पटाखे जलाने पर होने वाले प्रदुषण से बचने के लिये बच्चो ने दीया जलाओ पटाखे नही पर लघु नाटक प्रस्तुत किया। श्रेयांश यादव, रूद्र, ऋषभ बेलाल, जुहैब व अहान ने लघु नाटक प्रस्तुत कर दीपावली पर होने वाले प्रदुशण पर लोगो को आगाह किया साथ ही दीपावली पर बिना पटाखो के ही इको फ्रेडली पर्व मानने का संकल्प लिया।
दीपावली पर दिये जलाओ पटाखे नही का संदेश दिया। समारोह में गुलप्सा, रिया, सना, शौम्या, अराध्या, अक्षिता थापा, ने शुभ दिन आयो रे पर नृत्य प्रस्तुत कर वाह वाही लूटी। शहर मण्डल, काजल, आयुषी, अक्षिता थापा, इल्मा, आदि ने आज गली मली अवध सजायेगे, राम आयेगे नृत्य प्रस्तुत कर लोगो को भक्तिरस में डूबो दिया,। आयी है दिवाली सुनो घरवाली गीत पर दिब्यासी अग्रवाल, मान्यता अग्रवाल, रूही, तृसा, आफिया, दृषा ,योगेश, शान बाबू, आर्यन, अराध्या, दृषान्त त्रिपाठी, महताब, पाथ, रेहान, सरस्वती लक्ष्मी आयुसी आदि ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत का लोगो को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया।
इस अवसर पर दीया डेकोरेशन प्रतियोगिता आयोजित की गयी। जिसमें कक्षा एक में शहर मण्डल प्रथम, दर्शिका द्वितीय तथा भारत तीसरा स्थान अर्जित किया वही कक्षा दो में रूद्र प्रथम, सोहम द्वितीय व सना तीसरे स्थान पर रही। कक्षा तीन में अक्षिता थापा प्रथम, अरनव द्वितीय व प्रिंस तीसरा स्थान अर्जित किया। कक्षा चार में रूही प्रथम, गुलफ्सा द्वितीय तथा मो बेलाल तीसरे स्थान पर रहे।अन्त में बच्चो में फूलो की रंगोली व दिये जलाकर दिपावली सेलिब्रेट किया। शिक्षिका बाबी राय, आरती , आशा, ने बच्चो को समझाया कि हमें प्रकृति और अपने आस पास के पर्यावरण को अनुकूल बनाना है तथा उन्हे संरक्षित करने का काम भी हमारा हैै।
दीपावली पर भारी मात्रा में पटाखा जलाने से पर्यावरण में प्रदुशण का स्तर काफी बढ जाता है इसलिये हमें दीपावली पर पटाखे जलाने के बजाय रंगोली व दिये जला कर इको फ्रेडली दीपावली मनाना चाहिये। शिक्षिका ज्योति ने कहा कि सोनभद्र में सामान्य परिस्थितियों में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर है इसलिये हमें लोगो के स्वास्थ्य का ध्यान रखते इस दीपावली पर प्रदुशण रहित दीपावली मनानी चाहिये।
प्रधानाचार्य नाहिद खान ने कहा कि एक तरफ हम स्वच्छ भारत मिशन को अमल में लाने की बात करते है। वही दूसरी ओर हम पटाखो को फोड कर वातावरण को प्रदूषित कर रहे है। कई हजार टन पटाखो का कूडा हम दीपावली के दिन देश भर में फैला देते है। यह पटाखो का जहरीला कूडा जब जमीन में धंस जाता है तो मिट्टी प्रदूषित हो जाता है और जलने के बाद धुंआ से वायु व फूटने के बाद ध्वनि प्रदूषण होता है। वही जब जला हुआ जहरीला कूडा जब नदियों में जाता है तो जल प्रदूशण फैलाता है। पटाखो का प्रयोग सबसे ज्यादा बच्चे ही करते है इस लिये सबसे ज्यादा असर बच्चो पर ही पडता है। बाद में यही पटाखे कई प्रकार के इंफेक्षन व बिमारियो के कारण बनते है।
श्रीमती खान ने कहा कि हम पटाखों की बजाए बलून या रंगीन कागज के गुब्बारों से बच्चों को खेलना सिखाएं। वे इन्हें फुलाकर एक दूसरे के साथ फोड़कर मजे कर सकते हैं. यह एक क्रिएटिव और मजेदार तरीका हो सकता है. खुशियों को सेलिब्रेट करने के लिए लोग घरों में अल्पना, रंगोली बनाते हैं, लाइटिंग करते हैं, नए कपड़े पहनकर पूजा पाठ करते हैं। वही शाम को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली पर तोहफे देने की परंपरा भी होती है। आप लोगों को हैंडमेड गिफ्ट्स देकर दीपावली सेलिब्रेट करे।