मिर्जापुर। देश के पहले बायो हाइड्रोजन प्लांट का शुभारम्भ चुनार तहसील क्षेत्र के छत्तीस सक्तेशगढ़ के रामपुर में किया गया। यह प्लांट बीजेल ग्रीन एनर्जी के तत्वाधान में स्थापित किया गया है । इन्वेस्टमेंट समेट के बाद यह प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट है जो धरातल पर उतर रहा है। इस एनर्जी सेंटर पर हाइड्रोजन, सीएनजी एवं स्मोकलेस बायो कोल का उत्पादन किया जाएगा।
किसानों के खेत में पढ़े हरित अवशेष से हाइड्रोजन गैस प्लांट बनाने का कार्य आरंभ हो गया। इसके लिए करीब 5 साल से चल रही तैयारी इन्वेस्टमेंट समिति के बाद जमीन पर उतरी है। विधिवत पूजन अर्चन के साथ डा. नीरज मिश्र, संतोष आनंद मिश्र एवं दौलत सिंह ने भूमि पूजन कर आरंभ किया। इस प्लांट को दुनिया का पहला बायोमास हरित अवशेष से चलित हाइड्रोजन प्लांट बताया गया। करीब 5 वर्षों से नारायणपुर नियामतपुर कला निवासी बीएचयू के वैज्ञानिक डा. प्रीतम सिंह ने इस पर लंबे समय तक शोध किया । इन्वेस्टमेंट समिट के बाद इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने पर इसका काम आरंभ किया गया
इस मौके पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने प्रोजेक्ट पर काम कर रहे लोगों को शुभकामनाएं दी और कहा कि यह पीएमओ साइन होने के बाद पहला बायोमास प्लांट के काम पर हम आगे बढ़े हैं । ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में यह एक ठोस कदम है ।इससे क्षेत्र का विकास होगा। किसानों को अपने अपशिष्ट का लाभ मिलेगा ।
डा. प्रीतम सिंह ने इसे देश का पहला बायोमास बेस्ट ग्रीन एनर्जी हाइड्रोजन प्लांट बताया। कहा कि यह भविष्य का फ्यूल हैं । खेत के 1 किलो अपशिष्ट से से 30 से 40 ग्राम हाइड्रोजन 120 से 125 ग्राम मीथेन 250 ग्राम धुँआ रहित कोयला इस प्लांट के माध्यम से बना सकते हैं
