श्रीराम-सीता विवाह में भक्तजनों ने गाये बधाई गीत और बरसाए फूल

Share this post

हर्षवर्धन केसरवानी

आचार्य सूर्य लाल मिश्र,भूदेव सहित भक्तजनों ने गाये बधाई एवं विवाह गीत।

विवाह अवसर पर परसाद स्वरूप वितरित किया गया श्रृंगार सामग्री।

श्रीराम विवाह की दिखाई गई आकर्षक झांकी।

सोनभद्र। जनपद मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज के स्थानीय आरटीएस क्लब मैदान में चल रहे रामचरितमानस नवाह पाठ के तृतीय दिवस के अवसर पर मानस पांडाल में श्री राम जानकी का विवाह उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
लेत चढ़ावत खैचत गाढै।
काहू न लखा देख सब ठाढे।। तेहि छन राम मध्य धनु तोरा। भरे भुवन धुनि घोर कठोरा।।
इसी दोहे के साथ शिव का धनुष भंग हुआ और लोगों में उत्सव मनाया जाने लगा देवी- देवता दर्शन के लिए आने लगे और माता जानकी- भगवान श्रीराम ने एक दूसरे के गले में वरमाला डाला, विवाह संस्कार पूर्ण हुआ हुआ।
झांझ, मृदंग शंख शहनाई।
मेरी री ढोल दूदूभी सुहाई।। बाजहि बहू बाजने सुहाये। जह तह जुबतिनह मंगल गाये।।
आचार्य सूर्य लाल मिश्र के मुखारविंद उद्धृत गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के बालकांड की चौपाई के साथ मानस पांडाल में भक्तजनों में हर्ष का माहोल छा गया और उपस्थित भक्तजन बधाई एवं विवाह गीत गाने लगे।

श्रीराम के विवाह उत्सव के खुशी में प्रसाद स्वरूप स्त्रियों में श्रृंगार की वस्तुएं वितरित की गई और राम विवाह की झांकी बड़े सुरुचि पूर्ण ढंग से सजाई गई। राम- लक्ष्मण-परशुराम संवाद, राजा दशरथ के पास जानकी का दूत भेजना, अयोध्या से बारात का प्रस्थान, बारात का जनकपुर में आना और स्वागत आदि, सीता राम विवाह, अयोध्या लौटना और अयोध्या में आनंद आदि प्रसंगो का संगीतमय गायन मुख्य व्यास एवं भूदेवो ने किया। राजा जनक के रूप मे समिति के अध्यक्ष सतपाल जैन और उनकी धर्मपत्नी सुनैना के रूप में श्रीराम की कृपा विधि के उपरांत पाव पखारकर कन्यादान करने के रस्म को निभाया। जयकारा और पटाखों की ध्वनि से नगर गूंज रहा है, राजा दशरथ के रूप में किशोर केडिया बारातियों के साथ मंडप की शोभा बढ़ा रहे थे।

इसके पूर्व रात्रि प्रवचन में प्रसिद्ध कथा वाचक हेमंत त्रिपाठी द्वारा राम जन्म की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि नारद मुनि ने भगवान को श्राप दिया था उसी श्राप के कारण भगवान का अवतार रावण के वध के लिए हुआ साथ ही उन्होंने विभिन्न प्रकार के सोहर और भजनों को गाया जिससे महा उपस्थित श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। काशी से चलकर आए अच्युतानंद पाठक भगवान के प्रकट की कथा सुनाई उन्होंने कहा कि राम जी ने भगवान के प्रकट की कथा सुनाई उन्होंने कहा कि राम जी के जन्म का कारण मनु और शतरूपा की तपस्या थी। वही अयोध्या से पधारे मधुसुधन शास्त्री ने जन्म प्रकट और अवतार के विषय में प्रकाश डालते हुए कहा कि दशरथ पुत्र जन्म सुनी कान्हा। मानव ब्रह्मा नंद समाना। अर्थात राजा दशरथ के लिए भगवान श्री राम का जन्म हुआ। मंच संचालन करते हुए आचार्य संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि ऋषि श्रृंगी ऋषि वशिष्ठ बुलावा पुत्र काम शुभ यज्ञ करावा। जब राजा के‌ पद से उतर कर याचक बनकर गुरु जी के पास दशरथ गए तब गुरु वशिष्ट जी ने यज्ञ की विधि बता कर राम जी के जन्म का मार्ग प्रशस्त किया।

इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सतपाल जैन, महामंत्री सुशील पाठक, संरक्षक आभूषण ब्रह्म शाह, शिशु तिवारी, इंद्रदेव सिंह, मिठाई लाल सोनी, कुसमाकर श्रीवास्तव, अजय सिंह, किशोर केडिया, नरेंद्र पाठक, मन्नू पांडे, विमलेश सिंह, सुधाकर दुबे, हर्षवर्धन सहित भारी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।

Ravi pandey
Author: Ravi pandey

Related Posts

Live Corona Update

Advertisement

Advertisement

Weather

+43
°
C
+45°
+37°
Delhi (National Capital Territory of India)
Wednesday, 30
Thursday
+44° +35°
Friday
+42° +35°
Saturday
+43° +34°
Sunday
+43° +35°
Monday
+44° +36°
Tuesday
+45° +36°
See 7-Day Forecast

 

Live Cricket Updates

Stock Market Overview

Our Visitors

0 4 8 4 1 0
Users Today : 14
Users This Month : 1281
Total Users : 48410
Views Today : 16
Views This Month : 2544
Total views : 78403

Radio Live

Verified by MonsterInsights