अमित मिश्रा
सोनभद्र। शनिवार को आर्य समाज मंदिर में सोनभद्र नगर में वैदिक धर्म महोत्सव का शुभारम्भ वैदिक यज्ञ के साथ प्रारंभ हुआ। तदोपरांत भजन उपदेश प्रवचन का कार्यक्रम किया गया। इसमें कुलदीप विधार्थी, क्षबि आर्या, पंडित सत्य प्रकाश आर्य एवं पंडित दिवाकर आर्य जी द्वारा अपनी प्रस्तुति दी गयी। यह कार्यक्रम 23 से 25 नवम्बर तक चलेगा। प्रतिदिन सुबह 8 बजे यज्ञ होगा। उसके उपरांत भजन उपदेश तथा सायं 6 से रात्रि 9 बजे कार्यक्रम होगा। पंडित कुलदीप विद्यार्थी ने कहा कि समाज में फैले कुरीतियों को दूर करने तथा अपने वैदिक धर्म की रक्षा के लिए सभी को वैदिक धर्म अपनाने के लिए कहा गया। सत्संग मे बैठने से आत्मिक लाभ मिलता है।
बताया कि वैदिक धर्म में आत्मा की एकता पर सबसे अधिक जोर दिया गया है। जो आदमी इस तत्व को समझ लेगा, वह किससे प्रेम नहीं करेगा? जो आदमी यह समझ जाएगा कि ‘घट-घट में तोरा साँईं रमत हैं!’ वह किस पर नाराज होगा? किसे मारेगा? किसे पीटेगा? किसे सताएगा? किसे गाली देगा? किसके साथ बुरा व्यवहार करेगा?
जो आदमी सब प्राणियों में एक ही आत्मा को देखता है, उसके लिए किसका मोह, किसका शोक? वैदिक धर्म का मूल तत्व यही है। इस सारे जगत में ईश्वर ही सर्वत्र व्याप्त है। उसी को पाने के लिए, उसी को समझने के लिए हमें मनुष्य का यह जीवन मिला है। उसे पाने का जो रास्ता है, उसका नाम है धर्म। इस मौके पर पारसनाथ सिंह आर्य जवाहरलाल सिंह आर्य विमल कुमार सिंह आर्य आदि मौजूद थे।