संवाददाता कौस्तुम केशरी “लकी”
नौगढ़ (चंदौली) । दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित संगीतमय श्री राम कथा के छठवें दिन मंगलवार को कथा वाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
उन्होंने बताया कि जब अयोध्या नगरी में श्रीराम के जन्म पर ऐतिहासिक जश्न, कौशल्या की कोख से दशरथ नंदन श्रीराम का अवतरण, देवताओं सहित भोले भंडारी महादेव ने भी किया दर्शन, अद्वितीय आनंद और उल्लास का माहौल छा गया।
अतिथियों का सैलाब अयोध्या की ओर उमड़ा, शहर में खुशी की लहर आ गई।
कथा व्यास ने बताया, भगवान शंकर ने श्रीराम की बाल लीलाओं में खोया दिल अयोध्या की गलियों में विभिन्न वेश धारण कर विचरण किया, राजमहल में गायक बनकर और भिक्षु के रूप में दर्शन किए ।
शंकरजी का अपने आराध्य के प्रति अद्वितीय प्रेम और समर्पण, श्रोताओं के हृदय को छू गया
भगवान शंकर की भक्ति और समर्पण की अनोखी मिसाल, श्रीराम कथा में दर्शाया गया ।
श्रोताओं ने भगवान शंकर के प्रेम और समर्पण से प्रेरणा ली, अपने आराध्य के प्रति समर्पण का संकल्प लिया ।
कथा व्यास शालिनी त्रिपाठी ने बताया, राजा दशरथ ने गुरु वशिष्ठ से चारों पुत्रों का नामकरण संस्कार करवाया ।
श्रीराम ने बाल्यकाल में ताड़का का वध किया, ऋषि मुनियों को आतंक से मुक्ति दिलाई
अहिल्या उद्धार: श्रीराम के चरण स्पर्श से पत्थर बनी अहिल्या पुनः जीवित हुईं ।
भगवान राम की असीम करुणा और दिव्यता का प्रतीक, कथा के श्रोताओं को भाव-विभोर किया
भगवान राम: धर्म के रक्षक और करुणा के साकार रूप, हर पीड़ित और शापित आत्मा को मुक्ति प्रदान करते हैं ।
श्रीराम कथा में भगवान राम की महिमा और करुणा का अनोखा संगम, श्रोताओं को प्रेरणा और शांति मिली ।
नौगढ़ में आयोजित श्रीराम कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। राजू पांडे ने मंच संचालन किया। बबुरी के जिला पंचायत सदस्य सूर्य मुनि तिवारी, नौगढ़ के व्यापार मंडल अध्यक्ष सूरज केसरी, राजू केसरी,शिवनारायण जयसवाल, शुनिल शर्मा, बाबू केशरी, कुन्दन गोंड जैसे सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने कथा से श्रीराम के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा पाई और आयोजकों को धन्यवाद दिया।