सोनभद्र। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज कलेक्ट्रेट परिसर में खाद्य वस्तुओं पर लगाये गए जीएसटी के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान नेताओ का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही भाजपा की सरकार ने पिछले दिनों खाने-पीने सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाकर आटा, दाल, दूध, अस्पताल के कपड़े जैसे रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों का मूल्य बढ़ाने का कार्य किया हैं, पहले से ही कमर तोड़ महंगाई की मार झेल रही।
आम जनता को मोदी के इस दमनकारी फैसले ने हिला कर रख दिया। डीजल, पेट्रोल,गैस के बढ़े हुए मूल्य से पहले से परेशान जनता को सरसों का तेल 250 रुपये लीटर तक खाने को मजबूर किया गया और अब बच्चों के दूध पर भी जीएसटी लगा दिया गया। विचारणीय हैं कि क्या सरकार गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे- मध्यम व्यापारियों के लिये कार्य कर रहीं हैं, जवाब मिलेगा नहीं, बल्कि सरकार पूंजीपतियों के लिये कार्य करती दिख रहीं हैं। कार्पोरेट टैक्स (पूंजीपतियों पर लगने वाला टैक्स) को घटाकर 30% से 22% कर दिया। इस टैक्स को कम करने से 01 लाख 45 हजार करोड़ का घाटा देश को उठाना पड़ेगा। महंगाई कम करने के लिए मोदी सरकार के पास पैसा नहीं, किसानों के लिए मोदी सरकार के पास पैसा नहीं, बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए मोदी सरकार के पास पैसा नहीं । लेकिन अपने चंद पूंजीपतियों मित्रों के लिए मोदी सरकार ने ₹11 लाख करोड़ चंदा माफ कर दिया।

बता दे कि अडानी ने ₹2.5 लाख करोड़, विजय माल्या ने ₹10 हजार करोड़, ललित मोदी ने ₹2.5 हजार करोड़, नीरव मोदी ने ₹20 हजार करोड़, नितिन सरदेसाई ₹06 हजार करोड़ लेकर हिंदुस्तान छोड़कर भाग गए। आपका जो पैसा बैंको में था, उसे ऐ चंद लुटेरे डकार गयें, बैंक खाली हो गया, खजाने खाली हो गये और मोदी जी खाली खजाने को भरने के लिये आमजन के प्रयोग की रोजमर्रा के वस्तुओं पर टैक्स लगाकर खजाना भरने के जुगत में है। आज डॉलर की कीमत 80 रुपये के बराबर है और इसका फायदा चंद पूँजीपति भ्रष्टाचारियों को पहुँचेगा, जिनका पैसा डॉलर के रूप में विदेशों में जमा है और आमजन को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी क्योंकि विदेशों से आयात सामान की लागत ज्यादा होंगी और महंगाई बढ़ती जायेंगी। आम आदमी पार्टी बढ़ती महंगाई पर चुप नहीं बैठेंगी। इस कुव्यवस्था पर आवाज बुलंद करेंगी और गरीब विरोधी सरकार के खिलाफ संघर्ष और तेज करेगी ।
आम आदमी पार्टी मांग करती हैं कि यदि बढ़ती हुई महंगाई को रोकने हेतु कोई ठोस सार्थक कदम सरकार द्वारा अविलंब नहीं उठाया गया तो वृहद स्तर पर आगे भी आंदोलन किया जायेगा।
