सोनभद्र। पतंजलि योगपीठ द्वारा जिला कारागार गुरमा में विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला जेल अधीक्षक ने पौधरोपण कर मनाया तो वही आने वाले 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी पर भी बंदियों व कैदियों संग योगाभ्यास किया गया। इस बार पूरे विश्व में आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा इसके लिए जेल अधीक्षक ने पतंजलि योग समिति के योग शिक्षको साथ योगाभ्यास करके अपनी तैयारियों को परखा।
जेल अधीक्षक को योग शिक्षकों ने बताया कि यह जिला पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है ऐसे स्थान पर आदिवासियों को लेते हुए नगर वासियों को ग्राम वासियों को योग के प्रति जागरूक किया जा रहा है जिसमे पतंजलि योग समिति की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां के छोटे-छोटे कस्बों में जाकर गांव में जा जाकर योग की अलख जगाने वाले पतंजलि योगपीठ सोनभद्र द्वारा किया जा रहा है।

आज युवा भारत के जिला महामंत्री योगी संकटमोचन द्वारा और भैया जितेंद्र सिंह के द्वारा और बहन पूनम के द्वारा आज जिला कारागार में बंधुओं को योगा अभ्यास कराया गया जिसमें जेल अधीक्षक जगदंबा प्रसाद दुबे भी उपस्थित रहे और सैकड़ों बंधुओं ने एक साथ आने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में जिन योगा अभ्यास ओं को करना है। उस अभ्यास को आज से ही शुरू कर दिया गया ताकि आने वाले 21 जून को आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जा सके। इसी कड़ी में जिला कारागार के अधीक्षक जगदंबा प्रसाद दुबे के द्वारा और पतंजलि योग शिक्षक योगी संकट मोचन जितेंद्र और बहन पूनम और कारागार में उपस्थित तमाम बंदियों और उसमें महिला बंदियों के साथ में वृक्षारोपण का भी कार्यक्रम किया गया।

योगी संकट मोचन के द्वारा सभी बंधुओं को यह संकल्प दिलाया गया कि 5 जून ही नहीं विश्व पर्यावरण दिवस हमारे जीवन में प्रतिदिन मनाया जाना चाहिए जब भी किसी व्यक्ति का जन्म दिवस हो या किसी व्यक्ति के घर में किसी शुभ कार्य का कार्यक्रम हो उस दिन अपने घर के आंगन में अपने घर के खेत में एक पेड़ को अवश्य लगाएं और केवल उस पेड़ को लगाने मात्र से ही काम नहीं चलने वाला है उस पौधे की रक्षा तब तक हो जब तक वह वृक्ष न बन जाए। माताओं से यह निवेदन किया गया कि जैसे अपने बच्चों की परवरिश आप पालन-पोषण घरों में करती हैं उसी प्रकार से इन पौधों की परवरिश आपको करनी है। इसी के साथ कटहल के और आम के वृक्ष को लगाया गया और उन्हें प्रणाम करते हुए इस कार्यक्रम को समापन किया गया। जिसमें जिला कारागार के पुरुष सिपाही और महिला सिपाहियों का भी बहुत ही सहयोग रहा।
