19 मई को ट्रामा सेन्टर बीएचयू वाराणसी ले जाते समय हुई थी मृत्यु
सोनभद्र। सदर तहसील के राजस्व बन्दी गृह में बन्द एक बकायेदार की तबियत अचानक बिगड़ गई जिसे जिला अस्पताल पहुचाया गया जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बीएचयू रेफर कर दिया था। जिसे परिजनों द्वारा बीएचयू ले जाते समय बकायेदार की मौत हो गई थी। इस मामले में जिला मजिस्ट्रेट चन्द्र विजय सिंह ने बाकीदार सुधाकर प्रसाद दूबे के मृत्यु की
मजिस्ट्रियल जांच के लिए प्रमोद कुमार तिवारी उप जिलाधिकारी मुख्यालय को मजिस्ट्रेट नामित किया है
। जो बाकीदार सुधाकर प्रसाद दूबे पुत्र राधेश्याम दूबे की मृत्यु के प्रत्येक पहलुओं की संघनता से जाॅच करते हुए सुस्पष्ट मजिस्ट्रियल जाॅच उपलब्ध करायेंगें।
उन्होंने बताया कि में0 दूबे इलेक्ट्रानिक के प्रोपराइटर सुधाकर प्रसाद दूबे ने यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया से 10 लाख 21 हजार 351 रूपये का वसूली प्रमाण-पत्र तहसील को प्राप्त हुआ था, उक्त बकाये की वसूली के क्रम में तहसीलद
द्वारा बाकीदार के विरूद्ध गिरफ्तारी करते हुए 12 मई
के राजस्व हवालात में निरूद्ध किया गया था।
19 मई को नजारत के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरेराम ने लगभग
सांय काल 5 बजे सूचना दिया कि बाकीदार सुधाकर प्रसाद दूबे की तबीयत खराब है। इस पर तत्काल संज्ञान लेकर तहसीलदार द्वारा बाकीदार को राजस्व हवालात से अवमुक्त किया गया तथा मानवीय आधार पर बाकीदार को जिला संयुक्त चिकित्सालय में भेजवाया गया। जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद
ट्रामा सेन्टर के लिए रेफर कर दिया गया, जिससे तहसीलदार द्वारा बाकीदार के परिजनों को सूचित किया गया।
बाकीदार के परिजन उसे वाराणसी
इलाज हेतु लेकर जा रहे थे, जिसके उपरान्त बाकीदार सुधाकर प्रसाद दूबे की मृत्यु हो जाने की सूचना प्राप्त हुई। उक्त के क्रम में उप जिलाधिकारी राबर्ट्सगंज, तहसीलदार राबर्ट्सगंज ने सूचनार्थ आख्या उपलब्ध करायी गयी। उपरोक्त प्राप्त आख्या के सम्बन्ध में बाकीदार की मृत्यु होने पर संज्ञान लेते हुए इसकी मजिस्ट्रियल जाॅच कराया जाना अपेक्षित है, जिससे मृत्यु के कारणों व अन्य आवश्यक पहलुओं की विधिवत निष्पक्ष जाॅच की जा सके।
इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के लिए पीयूसीएल ने भी मांग किया था।
