Amit Mishra
एडीएम कार्यालय में चिन्हित ग्रामवासियों व पट्टेदार से हर बिंदुओं पर सुने गए पक्ष
वन विभाग और पीडब्ल्यूडी सहित कमेटी के अन्य सदस्य नही रहे मौजूद
सोनभद्र। केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार जीरो टॉलरेंस के तहत कार्य करने का दावा करती है लेकिन नौकरशाह सरकार के इस दावे को झूठा साबित करने में लगे हुए है। प्रदेश का सोनभद्र जिला खनन को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है क्योकि यहाँ सब कुछ नियम के तहत होता है तभी तो सोन नदी में बालू खनन का पट्टा आवंटित करने के लिए आवेदित फर्म की लोक सुनवाई कार्य स्थल पर न होकर अपर जिलाधिकारी कार्यालय में सम्पन्न कराई गयी , जिससे साफ हो जाता है कि यह लोक सुनवाई कितनी पारदर्शी रही होगी। इस सम्बंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी का कहना है कि बालू के लिए दो फर्मो द्वारा आवेदन किया गया था जिसकी लोक सुनवाई आज जिलाधिकारी के आदेश पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित किया गया लेकिन आवश्यक बैठक होने के कारण अपर जिलाधिकारी के कार्यालय में लोक सुनवाई सम्पन्न कराया गया है। लोक सुनवाई कार्य स्थल ससनई ग्राम पंचायत में नही होने के सवाल पर कहा कि दो फर्मो का लोक सुनावई था इसलिए जिलाधिकारी आदेश पर यही हुआ है। इस लोक सुनवाई में गांव के लोग शामिल हुए थे।

प्रदेश को सोनभद्र सर्वाधिक खनिज राजस्व देने वाला जनपद है जिसमे कोयला , डोलोस्टोन व बालू मुख्य है। योगी सरकार बनने के बाद ई टेंडरिंग के माध्यम से खनन के लिए पट्टा आवंटित किया जाता है। आज अपर जिलाधिकारी कार्यालय में बालू मौरंग खनन परियोजना की लोक सुनवाई सोमवार को सरकार द्वारा मिले दिशा निर्देश के क्रम में खनन क्षेत्र के निवासियों व आवंटी पट्टेदार की मौजूदगी में उनकी बातों को सुनते हुए हर बिंदुओं वह आपत्तियों पर विशेष चर्चा की गई।
अपर जिलाधिकारी के कार्यालय में ओबरा तहसील क्षेत्र के ग्राम ससनई आराजी संख्या 531 ड , खण्ड 7, क्षेत्रफल 16.194 हेक्टेयर में 2, 59 , 104 घन मीटर प्रतिवर्ष , जिसकी समयावधि 5 वर्ष के लिए है तथा इसी ग्राम के उक्त आराजी नम्बर में खण्ड 4 का क्षेत्रफल 12.146 हेक्टेयर में 1, 94 , 336 घन मीटर प्रतिवर्ष समयावधि 5 वर्ष के लिए है की लोक सुनवाई हुई। वही इसके पूर्व उक्त ग्राम ससनई में 18 नवम्बर 2021 को प्राथमिक विद्यालय में आराजी संख्या 221 च खण्ड 2 कुल क्षेत्रफल 18.215 हेक्टेयर में 2,91,440 घन मीटर प्रतिवर्ष खनन किया जाना है कि लोक सुनवाई हुई थी।

आज की इस लोक सुनवाई को इतना पारदर्शी माना जा सकता है कि आये हुए ग्रामीणों को यह भी नही पता था कि क्यों यहां आए हुए है। लोक सुनवाई के दौरान अपर जिलाधिकारी के कार्यालय में हुई जबकि यह कार्य स्थल वाले गांव में होना चाहिए था। वही लोक सुनवाई के समय वन विभाग , पीडब्ल्यूडी का कोई अधिकारी नही मौजूद रहा बल्कि पट्टाधारक , प्रदूषण अधिकारी और खान अधिकारी सहित कुछ चुनिंदा ग्रामीण मौजूद रहे।

वही अपर जिलाधिकारी मिश्रा ने बताया कि ससनई गांव तहसील तहसील ओबरा में स्थित आराजी संख्या 531 रकबा में निहित मोरम की नीलामी हुई थी तथा भारत सरकार द्वारा प्रदूषण के संबंध में जारी आदेशों के क्रम में खनन क्षेत्र के निवासियों तथा पट्टा आवंटी के साथ जिला प्रशासन के द्वारा सोमवार को लोक सुनवाई आयोजित की गई थी जिसमें क्षेत्र के निवासियों व किसी बिंदु पर आपत्ति तथा आवंटी पट्टेदार से ईएमआर तथा सीएमआर के तहत निवासियों की अपेक्षाएं आदि के संबंध में पक्षों को सुना गया। वही श्री मिश्रा ने बताया कि दोनों पक्षों के बयान को दर्ज कराते हुए जिलाधिकारी द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा वही उसके उपरांत मिले दिशा निर्देश के क्रम में अग्रिम आदेश या कार्रवाई की जाएगी किसी प्रकार से मौजूद निवासियों को कोई आपत्ति उत्पन्न हुई तो उसकी विशेष तौर पर जांच कराते हुए निस्तारण का कार्य किया जाएगा।

इस सम्बंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डॉ टीएन सिंह का कहना है कि बालू के लिए दो फर्मो द्वारा आवेदन किया गया था जिसकी लोक सुनवाई आज जिलाधिकारी के आदेश पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित किया गया लेकिन आवश्यक बैठक होने के कारण अपर जिलाधिकारी के कार्यालय में लोक सुनवाई सम्पन्न कराया गया है। लोक सुनवाई कार्य स्थल ससनई ग्राम पंचायत में नही होने के सवाल पर कहा कि दो फर्मो का लोक सुनावई था इसलिए जिलाधिकारी आदेश पर यही हुआ है। इस लोक सुनवाई में गांव के लोग शामिल हुए थे।
