सोनभद्र। प्रदेश में योगी 2 की सरकार बनने के बाद जहां मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों द्वारा जनपदों का दौरा किया जा रहा है तो वही जिले में मुख्य विकास अधिकारी डाॅ0 अमित पाल शर्मा भी दौरा कर बेसिक शिक्षा विभाग , पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग व बाल पुष्टाहार विभाग सहित अन्य विभागों के कार्यो का स्थली निरीक्षण कर लापरवाही अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी कर रहे है। आज मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विकास खण्ड चोपन के ग्राम पंचायत भरहरी का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने सबसे पहले प्राथमिक पाठशाला भरहरी का निरीक्षण किया जो जर्जर अवस्था पाया गया, जिस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को नियमानुसार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इस विद्यालय में अजीत सिंह प्रधानाध्यापक तथा उमा सिंह सहायक अध्यापक उपस्थित मिले जबकि सरोज कुमारी शिक्षामित्र अनुपस्थित पाई गई। इस विद्यालय में कुल पंजीकृत 97 बच्चो के सापेक्ष 20 बच्चे उपस्थित थे, कम उपस्थिति होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि बिना मेरी अनुमति के इस विद्यालय के अध्यापकों का वेतन आहरित न किया जाय। विद्यालय परिसर में रसोई घर बना है जबकि शौचालय काफी जर्जर अवस्था में पाया गया। वही विद्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य नहीं कराया गया है।
उच्च प्राथमिक पाठशाला भरहरी में कुल 142 पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष मात्र 12 बच्चे उपस्थित थे, विद्यालय में मात्र एक अध्यापक सुरेश कुमार मिश्र तैनात हैं जबकि कम से कम एक अध्यापक की तैनाती और होनी चाहिए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि इस विद्यालय में 02 और अध्यापकों की तैनाती यथाशीघ्र सुनिश्चित कराये। इसके अतिरिक्त उन्हे यह भी निर्देशित किया गया कि जिन-जिन विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति का प्रतिशत मानक से कम है वहां के प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश देना सुनिश्चित करें। विद्यालय तथा आंगनबाड़ी भवन के पानी निकासी हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा कितने प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कराया जा रहा है, इसका विवरण प्रस्तुत नहीं किया जा सका। आंगनबाड़ी केन्द्र विद्यालय परिसर में ही बना है, परन्तु निरीक्षण के समय बन्द पाया गया। बरामदे में संतोषी देवी, प्रभारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती/सहायिका उपस्थित थीं, जो कोई भी अभिलेख आदि प्रस्तुत नहीं कर सकी। उच्चाधिकारियों के निरीक्षण के समय आंगनबाड़ी केन्द्र बन्द पाया जाना सम्बन्धित विभाग के कार्मिकों/अधिकारियों की लापरवाही का द्योतक है।

मुख्य विकास अधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि वे रवीन्द्र प्रसाद द्विवेदी बाल विकास परियोजना अधिकारी चोपन को उक्त आंगनबाड़ी केन्द्र बन्द होने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर उनका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अवगत कराना सुनिश्चित करें। संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने की दशा में सम्बन्धित बाल विकास परियोजना अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जाय।
ग्राम पंचायत में पुराने पंचायत भवन का जीर्णोंद्धार कर उसका सुदृढीकरण किया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी दीपक पाण्डेय द्वारा बताया गया कि इसपर रू0 5.50 लाख की धनराशि व्यय की गयी है।
भ्रमण के दौरान रास्ते में पड़ने वाले अधिकांश विद्यालयों, पंचायत भवनों तथा प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री आवासों में देखा गया कि कहीं पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम नहीं हो रहा है, जबकि समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को 05 दिन के भीतर यह कार्य पूर्ण कराकर अवगत कराने के निर्देश दिये गये था, परन्तु अभी तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य पूरा न कराया जाना सम्बन्धित कार्मिकों एवं अधिकारियों की लापरवाही का द्योतक है। अतः निर्देशित किया जाता है कि यथाशीघ्र 05 दिवस के भीतर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।

वही मुख्य विकास अधिकारी ने वाराणसी शक्तिनगर मार्ग के अन्तर्गत मारकुण्डी मोड़ पर आये दिन सड़क दुर्घटना को देखते हुए इसे रोकने हेतु स्पीडब्रेकर/साईनेजेज लगाने की आवश्यकता है। जिसको लेकर मनीष कुमार तकनीकी अभियन्ता, उपसा, लखनऊ को दूरभाष पर अवगत कराया गया कि तत्काल इस मार्ग के मारकुण्डी मोड़ पर स्पीडब्रेकर/साईनेजेज लगाने की कार्यवाही आज सुनिश्चित करा दें। इस कार्य के अनुश्रवण हेतु उप जिलाधिकारी सदर को निर्देशित किया।
निरीक्षण के समय शेषनाथ चौहान उपायुक्त श्रम रोजगार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह, खण्ड विकास अधिकारी चोपन सुनील सिंह, रामऔतार सिंह ग्राम प्रधान भरहरी, सहायक विकास अधिकारी(पं0), ग्राम पंचायत अधिकारी, भरहरी सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
