दुद्धी। असंगठित श्रमिक मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष एवं माध्यमिक भारतीय रसोईया वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक व संयुक्त रसोईया मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी उत्तर प्रदेश के तैयब अंसारी ने रामलीला मैदान में असंगठित मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि आज के ही दिन मजदूर दिवस मनाया जाता है। देश व प्रदेश की सरकार ने मजदूरों को 3 श्रेणी में रखा है। 1 मई को सभी श्रेणी के मजदूर एकता एवं हक अधिकार के लिए एक मंच पर आकर एक दूसरे के समर्थन के लिए एकत्रित होते हैं। देश में आजादी से पहले मजदूरों से 15:15 घंटा काम किया लिया जाता था। जिसको लेकर पूरे दुनिया में एक 1 मई सन् 1886 को सभी मजदूर एकत्रित होकर जनांदोलन शुरू किया गया ।
भारत के श्रमिक 1 मई 1923 को मद्रास में शुरू किया गया जन आंदोलन जब पहली बार लाल रंग का झंडा मजदूर दिवस के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा। आज देश व प्रदेश की सरकार मजदूरों को 3 प्रकार की श्रेणी में रखा है। प्रथम असंगठित मजदूर जिसमें मनरेगा मजदूर, खेतिहर मजदूर, सफाई कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, रिक्शा चालक ,आशा बहू ,आदि मजदूर है। द्वितीय श्रेणी में अर्ध कुशल मजदूर जिनको सरकार के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त मजदूर कहते हैं। तृतीय श्रेणी कुशल मजदूर जो अपने कार्यों को सफलतापूर्वक कार्य करते हुए विशेष कौशल प्राप्त होता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल को न्यूनतम मानदेय निर्धारित किया गया है वह इस प्रकार है , असंगठित मजदूर 382 रुपए , अर्धकुशल मजदूर 424 रुपए और कुशल मजदूर 461 रुपए निर्धारित किया गया है। इसके सापेक्ष उत्तर प्रदेश सरकार मजदूरों को मजदूरी कम मजदूरी दे रही है । श्री अंसारी ने कहा कि इन मजदूरों में सबसे कम मजदूरी रसोइयों आंगनवाढी, आषाबहुए, जिनकी मजदूरी ₹60 प्रतिदिन के दर से भी कम दिया जा रहा है।
वही हाईकोर्ट इलाहाबाद ने कम मजदूरी देने पर बधुआ मजदूर कहा है जबकि उच्चतम न्यायालय द्वारा समान कार्य समान मानदेय के निर्देश दिया है जैसे असंगठित मजदूर 764 रुपए प्रतिदिन 22920 रुपया प्रतिमाह , अर्धकुशल मजदूर 848 रुपए प्रतिदिन ₹ 25340 प्रतिमाह और कुशल मजदूर ₹922 प्रतिदिन 27607 प्रतिमाह के दर से भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
आज़ मजदूर दिवस के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग संगठन मांग करता है कि प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 1– रसोइयों को स्थाई करते हुए न्युनतम मानदेय 22920 रुपया निर्धारित करें। 6 माह से रुका हुआ रसोइयों का भुगतान अभिलंब कराया जाए। रसोइयों का नवीनीकरण स्वतः किया जाए। रसोइयों को भी 50 लाख रुपए का सार्वजनिक बिमा किया जाए। बालक एवं बालिका अनिवार्यता समाप्त किया जाए। मनरेगा मजदूर खेतिहर मजदूरों 764 से 922 रुपया एवं सभी प्रकार के मजदूरों को न्यूनतम मानदेय निर्गत किया जाय। इन मांगों को लेकर प्रदेश सरकार सभी मजदूरों को न्यूनतम मानदेय मजदूरी देने की कि शासनादेश जारी करें।
रसोईया संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष उषा साहू ने कहा कि हम लोगों को 6 माह से मानदेय बकाया है । उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा मई माह में फ्री में काम करवाती है जिसका मजदूरी हम कार्यरत रसोइयों को नहीं दिया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बैठक के माध्यम से मांग करती हूं कि मई माह का मानदेय जोड़कर हम रसोइयों को उपलब्ध कराया जाए एवं 6 महीने का रुका हुआ मानदेय तत्काल भुगतान कराया जाए अगर सरकार के द्वारा मई माह का मानदेय नहीं दे सकती तो हम रसोईया मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को प्रतिदिन पत्रक लिखने का अभीयान जल्द ही शुरू कर, जन आंदोलन किया जाएगा।
आज मजदूर दिवस के मौके पर ज्ञानवती देवी, गायत्री पाण्डेय , फुलबिना खातुन,फुलवन्ती देवी , कबुतरी, कौशल्या देवी, विजय चौकीदार, कृष्ण कुमार , मनरेगा मजदूर सहित सैकड़ों मजदूर उपस्थित रहे।
