सोनभद्र। केन्द्र व राज्य सरकारों की निजीकरण की नीतियों के विरोध में बिजली कर्मियों के राष्ट्रव्यापी आन्दोलन तथा अन्य समस्याओं के समाधान हेतु विरोध प्रदर्शन राजधानी लखनऊ सहित प्रत्येक जनपद व परियोजना मुख्यालय पर किया जा रहा है।
वही कार्य बहिष्कार के दौरान 700 करोड़ रूपये की खरीदी गयी। ईआरपी साफ्टवेयर की सीबीआई जॉच करायी जाये। मैन मैटेरियल संसाधन के अभाव में विद्युत आपूर्ति को 24 घण्टे मेन्टेन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों एवं अधिकारियों को विभागीय स्टोर के माध्यम से संसाधन जैसे केबल, लग्स, ट्रान्सफार्मर ऑयल, हाड्रोलिक्स सीढी, प्लास, जेङ-क्लैम्प, मेगर्स, प्लायर, अर्थिंग टेस्टर इत्यादि उपलब्ध कराये जाये। जिससे उप्र सरकार के विद्युत आपूर्ति जैसी महत्वाकांक्षी योजना को जनहित में सुचारू रूप से लागू की जा सके और उपभोक्ताओं को अनवरत विद्युत आपूर्ति उपलब्ध करायी जा सकें।
इसके साथ ही निजीकरण हेतु जारी किये गए इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 और स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट के मसौदे को वापस लिया जाए। निजीकरण की समस्त प्रक्रिया निरस्त की जाए और ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा का फेन्चाइजी करार रद किया जाये। केरल के केएसईबी लिमिटेड की तरह उप्र में भी सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाये। सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये।
इसके साथ ही तेलंगाना राज्य की तरह ऊर्जा निगमों में कार्यरत सभी संविदा कार्मियों को नियमित किया जाए और नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए। शांतिपूर्ण आन्दोलन के कारण प्राविधिक कर्मचारी संघ के सदस्यों की वेतन कटौती और अन्य दमनात्मक कदम वापस लिये जायें। सभी संवर्गो की वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाये और पूर्व की भाँती सभी संवर्गों को तीन पदोन्नति पद के समयबद्ध वेतनमान दिए जाये।

आज के कार्य बहिष्कार के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ई० एसके सिंह, ई० अभिषेक कौशल, ई० कमलेश कुमार बिन्द, सत्यप्रकाश, ई० अरविन्द मौर्या, ई० रामेन्द्र पाण्डेय, ई० विवेक कुमार, ई० धमेन्द्र कुमार सिंह, ई० अमित कुमार गुप्ता , सौरभ कुमार, सन्तोष गुप्ता,आशीष कुमार, संजय श्रीवास्तव , जितेन्द्र आदि पदाधिकारीगण उपस्थित रहें।
