रंगेश सिंह

सोनभद्र। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे कई आवास अब भी अधूरे पड़े हैं। इसका प्रमुख कारण आवास निर्माण की किस्त न मिलना बताया जा रहा है। यही नहीं पांच माह बीतने के बाद भी कई मजदूरों की मजदूरी का भी अब तक भुगतान नहीं हुआ है। इससे लोग जिम्मेदारों को कोसते नजर आ रहे हैं।
चोपन ब्लाक का कोटा ग्राम पंचायत इन दिनों सरकारी योजनाओं को समय से क्रियान्वित न करा पाने व आधा-अधूरे पड़े निर्माण कार्यो को लेकर चर्चा में बना हुआ है। इससे व्यवस्था की किरकिरी हो रही है। आदिवासी ग्रामीण बाहुल्य कोटा ग्राम पंचायत में पक्का मकान का सपना संजोये बैठे लाभार्थियों में हताशा व निराशा देखी जा रही है। कोटा निवासी दीपक पुत्र लाल बहादुर, जहगिरिया पत्नी लक्ष्मण, हीरावती पत्नी मथुरा, शिवकुमारी पत्नी स्व.प्रेमनाथ, पारस पुत्र बासदेव निवासी गुरमुरा, दीनानाथ केवट पुत्र दु:खी, संजू देवी पत्नी विजय कुमार आदि लोगों ने बताया कि पहली किस्त मिली थी, जिससे आवास की नींव व पीलर तैयार किया जा चुका है। दो माह से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन दूसरी किस्त अभी तक नहीं आई है। इसी प्रकार बाबुलनाथ व उर्मिला पत्नी जगेश्वर ने बताया कि उसे दूसरी किस्त मिली है, लेकिन तीसरी किस्त अभी तक नहीं मिली है। कोटा निवासी शिव अभिलास, राजकुमार, रामकेश्वर ने बताया कि तीनों किस्त मिल चुकी है, लेकिन पांच-छह बीतने के बाद भी मजदूरों की मजदूरी का मिलना अभी बाकी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन किस्तों में पक्का मकान निर्माण का कार्य पूरा हो जाता है। इसके बाद सबसे अंत में मजदूरों की मजदूरी मिलती है। इस संबंध में चोपन ब्लाक के एडीओ पंचायत सुनील कुमार पाल का कहना है कि कोटा ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आधा-अधूरा पड़े आवासों का अगला किस्त जल्द लाभार्थी तक पहुंच जाएगा। पैसे के अभाव में आवास लाभार्थियों को अगली किस्त नहीं मिल पा रही थी।
