वन मंत्री से बात कर किया शिकायत अब सीएम से मिल करेंगे शिकायत
गेट लगाकर किया रास्ता बन्द , चार गांव के आदिवासी ग्रामीणों को होती काफी दिक्कत
रास्ते को कैमिकल युक्त रेड मड़ से पाटा, आवागमन में होती है दिक्कत
सोनभद्र। जनपद में वन भूमि पर अवैध कब्जा करना कोई नई बात नही लेकिन जब लोकसभा सांसद यह आरोप कि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से सैकड़ो बीघा जमीन पर मिट्टी व राख पाटते हुए कब्जा कर लिया गया जबकि आदिवासी लोग वन भूमि पर खनकोड कर लेते है तो फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है। इसकी शिकायत वह वन मंत्री से किये है अउ जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर शिकायत करेंगे ताकि अवैध कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराने के बाद उसे आदिवासियों को वनाधिकार के तहत पट्टा दिलाया जा सके। उक्त बातें रावर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र के अपना दल एस के सांसद पकौड़ी लाल कोल ने कहा है।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज द्वारा कोरोना काल का भय दिखाकर मुर्धवा ग्राम के तीन टोला निहाई पाथर, पाटि व बड़वान का मार्ग अवरोध कर दिया गया था। इस रास्ते को खोलने के लिए आदिवासी ग्रामीणों ने सांसद पकौड़ी लाल कोल से शिकायत किया तो उन्होंने 17 अगस्त को मंडलायुक्त मिर्जापुर को पत्र लिखकर अवगत कराया कि ग्रामीणों के आने जाने के इस रास्ते को हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा बाउंड्री वाल बनाकर तथा गेट लगाकर बंद कर दिया गया है उसे अभिलंब खोला जाए। जिससे इन ग्रामीणों को आने-जाने में किसी भी प्रकार के दिक्कत का सामना न करना पड़े।
वहीं हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा अपने कंपनी के विस्तारी करण को लेकर कंपनी से निकल रहे केमिकल युक्त रेड मड़ को पूरे रास्ते में भरकर रास्ते को जाम कर दिया गया है जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
आपको बता दें कि आजादी के 77 साल बाद भी आज मूर्धवा ग्राम का यह टोला विकास के नाम पर कोसों दूर है उस गावँ तक जाने का कोई भी रास्ता नहीं है यही एकमात्र रास्ता जो सैकड़ो वर्षों से वहां के ग्रामीण इस्तेमाल कर रहे थे हिंडालको प्रबंधन की गलत नीतियों द्वारा उस रास्ते को बंद कर दिया गया है, जो रास्ता खुला है उस रास्ते पर केमिकल युक्त रेड मड कीचड़ से भरा गिराया रहता है जिससे छोटे छोटे बच्चो को स्कूल आने जाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
वही ग्रामीणों ने आरोप लगाया हिंडालको प्रबंधन के लोग हम ग्रामीणों के ऊपर चोरी का इल्जाम लगाकर आए दिन प्रताड़ित करते रहते हैं और मारपीट करते रहते हैं जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है ग्रामीणों ने रॉबर्टसगंज लोकसभा के सांसद पकौड़ी लाल कोल से मांग किया है कि हम लोग अपने घर के जरूरी सामान को लेने के लिए बाजार जाने के लिए या हमारे यहां कोई बीमार हो जाए तो उसका दवा इलाज करने के लिए पिछले कई वर्षों से इस रास्ते का इस्तेमाल करते थे जिसे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंधन ने अवरुद्ध कर दिया है हम लोगों के आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है हम लोग बहुत परेशान हैं इस रास्ते को जल्द से जल्द चालू कराया जाए।
वही बातचीत के दौरान जनप्रतिनिधियों ने बताया कि अगर हिण्डालको इंडस्ट्रीज लिमिटेड को सरकार द्वारा दी गई जमीनों का वास्तविक पैमाइस करवा दी जाए तो इन्होंने बहुत सारी जमीनों को वन विभाग की मिलीभगत से कब्जा कर रखा है जिसकी पैमाइश कराना अति आवश्यक है जिससे रेणुकूट के दुकानदारों मजदूरों के ऊपर किये गये फर्जी मुकदमों का निस्तारण किया जा सकता है ।
वही सांसद पकौड़ी लाल कोल ने बताया कि हिंडाल्को वाले डकईत करते है जो सैकड़ो बीघा जमीन वन विभाग की मिली भगत से कब्जा कर रखा है। इसको लेकर वन मंत्री से बात हुई है और जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके वन की जमीनो को इनके कब्जे से मुक्त कराऊंगा जिससे हमारे आदिवासी, वनवासी भाई लोगो को आने जाने में किसी भी प्रकार के दिक्क्क्त का सामना न करना पड़े ।
कहने को तो जनपद में दर्जनों औद्योगिक इकाइया संचालित है फिर भी यहां के आदिवासी ग्रामीणों को आवागमन के लिए एक अदद रास्ते को लेकर जद्दोजहद करना पड़ रहा है। हिंडाल्को कम्पनी अपने सीएसआर के तहत तो करोड़ो रुपये खर्च करना बताती है वही चार गांव के आम रास्ता को गेट लगाकर बन्द कर दिया और टोकन से ग्रामीणों को आवागमन कराती है।
बताते चले कि कुछ दिनों पहले मांची थाना क्षेत्र के केवटम गांव में वन भूमि की नर्सरी में भैंस चराने को लेकर आदिवासियों और वन कर्मियों में झड़प हुई थी, जिसमे एक वन कर्मी ने अपनी लाइसेंसी बन्दूक से फायर भी किया था। जिसमे वन विभाग की तरफ से लगभग 50 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था तो वही समाज कल्याण मंत्री संजीव गोंड व पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने गांव का दौरा कर आदिवासियों की तरफ से भी वन कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था और पुलिस द्वारा एक पक्षीय कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर किया था।
