ग्राम पंचायतों में प्रायोजित टेंडर प्रक्रिया कराई जा रही है
सोनभद्र। जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में मैटेरियल सप्लाई में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आ रहा है, जो खुले तौर पर अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है। ग्राम पंचायत में मैटीरियल सप्लाई में टेंडर प्रक्रिया से लेकर बिल में जीएसटी चोरी का प्रकरण अब कई बड़ी ग्राम पंचायतों में सामने आ रहा है। इतना ही नही टेंडर किसे देना है यह पहले से तय कर दिया जाता है जबकि प्रशासन ऑनलाइन ओपन टेंडर की बात करती है लेकिन टेंडर पर गौर करें तो लगभग सभी बड़ी ग्राम पंचायतों में टेंडर किसे देना है यह तय होता है । और शायद यही कारण है कि वर्षों से कई ग्राम पंचायतों में टेंडर एक ही फर्म को दिया जा रहा है।
उक्त आरोप लगाते हुए भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ धर्मवीर तिवारी ने कहा कि जिले की ग्राम पंचायतों में होने वाले मटेरियल के सप्लाई के टेंडरों में भारी पैमाने पर ठेकेदारों के द्वारा अधिकारियों की मिलीभगत से जीएसटी की चोरी की जा रही है और सप्लाई के नाम पर फर्जी बिल का भुगतान कराया जा रहा है । चोपन ब्लाक के जुगैल, परसोई, पनारी, कुलडोमरी, कोटा खास, कोटा, म्योरपुर की बड़ी-बड़ी ग्राम पंचायतें जरहां, नदिरा, जामपानी, जमशीला, मारकुंडी, परासपानी, सिरसिया ठाकुराई आदि सैकड़ों ग्राम पंचायतों में सप्लायर के द्वारा बड़े पैमाने पर अधिकारियों की मिली भगत से जीएसटी की चोरी की जा रही है।
डॉ धर्मवीर तिवारी ने कहा कि यह मामला और भी गंभीर इसलिए हो जाता है क्योंकि अधिकारियों के पास आंकड़ा होने के बाद भी सप्लायर के साथ मिलकर बिल का भुगतान कर दिया जा रहा है लेकिन वही राजस्व के लिए जीएसटी को जमा नहीं कराया जा रहा है । ग्राम पंचायतों में किस सप्लायर को कितना भुगतान हुआ उसमें जीएसटी जमा हुआ कितना इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि जीएसटी जमा न होने के बावजूद उसी सप्लायर को पुनः ग्राम पंचायतों की सप्लाई दे दी जा रही है जबकि सप्लायर ग्राम पंचायतों से पूर्ण रूप से जीएसटी ले रहा है।
श्री तिवारी ने कहा कि सच्चाई यह है कि सप्लायर द्वारा केवल रसीद बिल पर सप्लाई की जा रही है । उन्होंने कहा कि इन सप्लायरो से क्रय करने वाले सामग्री का विवरण व सप्लायर की दुकान की चौहद्दी और उनके दुकान की फोटो मंगा ली जाय तो कईयों की सच्चाई बाहर आ जाएगी । उन्होंने कहा कि जीएसटी की चोरी में सबसे ज्यादा मामले चोपन ब्लाक, म्योरपुर ब्लाक, दुद्धी ब्लाक व बभनी वह अन्य ब्लॉक शामिल हैं । पूरे जिले में सप्लायरों द्वारा बड़े पैमाने पर सरकार के राजस्व की क्षति कराई जा रही है जिसके लिए सप्लायर और अधिकारियों का सिंडिकेट जिले में काम कर रहा है।
उन्होंने मांग किया कि जिले में ग्राम पंचायतों में कराए गए टेंडर प्रक्रिया के साथ अब तक सप्लाई बिलों की जांच कराई जाए पूरा जीएसटी जमा कराया जाए तथा टेंडर के समय दुकान की फोटो व चौहद्दी भी मंगाई जाय ग्राम पंचायतों में जीएसटी 9 का जमा करने वाले फलों को ब्लैक लिस्ट किया जाए ताकि सरकार द्वारा द्वारा जीरो टॉलरेंस की प्रक्रिया अपनाई जा सके ।
