सोनभद्र। जनपद के खनन क्षेत्र में मजदूरों के जीवन की सुरक्षा व अनियंत्रित ब्लास्टिंग को लेकर भारतीय अहिंसा सेवा संस्थान ने तहसील दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान संस्थान के अध्यक्ष जनसेवक विजय शंकर यादव ने कहा कि
खनन क्षेत्रो में मजदूरों के जीवन की सुरक्षा को लेकर संस्था सदैव आवाज उठाती रही है, खनन अनियमिताओं में वृद्धि हो रही है।
खनन क्षेत्र में खनिज नियमावली व श्रम नियमावली का सख्ती से पालन नही हो रहा है जिसका अनुपालन होना चाहिए। ओबरा , डाला असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के जीवन के साथ जनपद खनन क्षेत्र में खिलवाड़ हो रहा है। खनन क्षेत्रो में हो रही मजदूरों के साथ घटना में उनकी शिनाख्त की परेशानी के साथ-साथ यह मजदूर किसके है किस खदान संचालक के अंतर्गत कार्य कर रहे थे पता नहीं चल पाता है। इस तरह की घटनाओं को लेकर मजदूरों के जीवन की सुरक्षा के लिए मजदूर नीति का पालन कराना आवश्यक हो जाता है। इसके साथ ही खनन क्षेत्र में मजदूरों का पंजीकरण होना अत्यंत आवश्यक है। पंजीकरण होने से उनके जीवन के प्रति खदान संचालक अपनी जिम्मेदारी को समझेगा खनन क्षेत्र बिना पंजीकरण कार्य कर रहे मजदूरों का बीमा स्वास्थ्य परीक्षण रहन-सहन की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है यहां तक कि मजदूरों को पीने का पानी भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है।
संस्थान मांग करता है कि खनन क्षेत्रों में आरो प्लांट लगाकर साफ पानी पीने की व्यवस्था की जाए। मजदूरों के साथ किसी प्रकार की घटना होने पर 10 लाख तक मुआवजा दिया जाए। मजदूरों का समय-समय पर स्वास्थ परीक्षण हो, मजदूरों के रहन-सहन हेतु साफ-सुथरा प्रदूषण मुक्त व्यवस्था की जाए। मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा की समुचित व्यवस्था हो, मजदूरों के पानी पीने की लिए आरो प्लांट की व्यवस्था खनन क्षेत्र में किया जाये। आवश्यकता से अधिक गहरी खदान में मजदूरो से कार्य न लिया जाए ऐसी खदानों को बंद करके मिट्टी से पाटा जाए। अनियंत्रित ब्लास्टिंग से आस पास के आवासों में कम्पन्न हो रहा है जो चिंता का विषय है अनियंत्रित ब्लास्टिंग पर रोक लगे।
खनन क्षेत्र में कार्यरत मजदूर अत्यंत आर्थिक रूप से कमजोर है व अशिक्षित है वो अपने मौलिक अधिकारों के लिए नही लड़ सकते कानून को उनकी मदद स्वयं करनी होगी।
ज्ञापन पत्र सौपते समय आनंद तिवारी छोटू चौधरी राकेश कुमार वीरेंद्र शर्मा सुरेन्द्र भारती गजेन्द्र सिंह अफजल अहमद इत्यादि उपस्थित रहे।
